जब देश अभी तक जल रहा है, इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं? जब देश अभी तक जल रहा है, इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
ये जो चुनरी में दाग़ है क्यूँ छुपाती फिरती हो...! ये जो चुनरी में दाग़ है क्यूँ छुपाती फिरती हो...!
ये सारे हिमखंड पिघल कर बरबस हमें डुबाएंगे, डरता हूँ,हम ना संभले तो कल को क्या समझायेंगे ये सारे हिमखंड पिघल कर बरबस हमें डुबाएंगे, डरता हूँ,हम ना संभले तो कल को क्या स...
दूर - दूर तक इंसानियत का कोई वास्ता नहीं है ! दूर - दूर तक इंसानियत का कोई वास्ता नहीं है !
मेरी रूह ! मेरी रूह !
एक हलफनामा...। एक हलफनामा...।